थमीं धड़कनों की
आवाज़ सुन तो लो
अनकहे अल्फाज़ों की बात सुन तो लो
बेचैन जज़्बातों को बयान कैसे करूं
आंखो से बिखरे
हुए ख़्वाब चुन तो लो
तेरे संग गुज़ारा वो साथ ख़ूबसूरत है
छुपके जो की, वो
मुलाक़ात ख़ूबसूरत है
मोहब्बत की वो अपनी
कायनात ख़ूबसूरत है
ख़्यालों में खोए वो
ख़्यालात ख़ूबसूरत है
मेरा क्या है,
मैं तो चला जाऊंगा
हर मर्तबा
मोहब्बत से छला जाऊंगा
तेरे भेजे हुए खत
जला जाऊंगा
मिट्टी में वो
यादें मिला जाऊंगा
रोना इन आंखों ने
अब छोड़ दिया है
नज़रों को उस तरफ
से मोड़ दिया है
पत्थर में दिल रखके
तोड़ दिया है
टूटे हुए ‘अरमां को फिर जोड़ दिया है
लौट के जो न आए,
वो आवाज सुन तो लो
आंखो से बिखरे
हुए ख्वाब चुन तो लो......