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Wednesday 22 August 2018

मुझे पाने का सलीक़ा ना तुझमें था

मुझे पाने का सलीक़ा ना तुझमें था
तू ढूँढ रहा था मुझे और मैं तुझमें था...
#अरमान

ख़ामोश रहे लब झुकते गए नैन

ख़ामोश रहे लब
झुकते गए नैन
बढ़ती गई धड़कन
लुटता गया चैन

महकते रहे फूल
सुलगती रही रात
उड़ता रहा वक़्त
निकलती गई बात

घबराया सा इश्क़
जाती रही जान
रौशन रही शमां
बुझते रहे ‘अरमान’
#अरमान

मैं ढूंढता हूं जब ख़ुद को

मैं ढूंढता हूं जब ख़ुद को
तेरे करीब पाता हूं
बड़ा संभालकर रखता हूं
न जाने कब पहुंच जाता हूं...

तेरा ख़्याल भी कुछ कम नहीं
पल-पल में चला आता है
मासूम सी मोहब्बत को
सोये से जगाता है
न पूछ कैसे ख़ुद को छिपाता हूं
बड़ा संभालकर रखता हूं
न जाने कब पहुंच जाता हूं...

तेरा इश्क़ भी किसी से कम नहीं
बड़ी मोहब्बत से खींचता है
दिल की बंजर ज़मीन को
तमन्नाओं से सींचता है
न पूछ कैसे ख़ुद को बचाता हूं
बड़ा संभालकर रखता हूं
न जाने कब पहुंच जाता हूं...

#अरमान

कवि नीरज को मेरी तरफ़ से श्रद्धांजलि...

कवि नीरज को मेरी तरफ़ से श्रद्धांजलि...

न खिलेंगे अब गुल कहीं
न घुलेगा शोख़ियों में फूलों का शबाब
न गुज़रेंगे अब कारवां कहीं
न लिखेगा दिल की कलम से पाती जनाब

ऐ भाई ज़रा देख कर चलना
पैसे की पहचान यहां
काल का पहिया घूमेगा
कहेगा जोकर सारा जहां

जो जला गए दिए तुम धरा पर
उनकी रौशनी कौन फैलाएगा
मज़हबों में बन रहे शैतानों को
इंसान अब कौन बनाएगा

हर दिल में मोहब्बत के रंग भर गया
सफ़र में न होके वो सफ़र पर गया
बस यही अपराध वो हर बार कर गया
आदमी था आदमी से प्यार कर गया...
#अरमान #गोपालदासनीरज #GopaldasNeeraj

रात होते ही इंतज़ार होने लगता...

रात होते ही
इंतज़ार होने लगता...
नींद का नहीं...
फुटपाथों के ख़ाली
और दुकानों के बंद होने का
बाज़ार के हटने
और लोगों के छटने का...
घंटो ताकती रहतीं
आधी सोई आंखें
टूटता जिस्म
उम्मीद की उंगली पकड़कर
बैठ जाता है वहीं
और पता नहीं कब
नींद आ जाती है
उम्मीद की उंगली छुड़ाकर
दबे पांव ले जाती है...
#फुटपाथ_की_रात #अरमान
#A_Night_on_Footpath

जय जय जय भारत की जय

नभ, जल थल सब करे फ़तह
जय जय जय भारत की जय
दुश्मन को हो दिन रात ये भय
जय जय जय भारत की जय

न कोई तू हो न कोई मैं
जय जय जय भारत की जय
मिलकर हर इक ग़म को सह
जय जय जय भारत की जय

मंदिर-मस्जिद  न तू कह
जय जय जय भारत की जय
मिट जाए हर दिल से भय
जय जय जय भारत की जय

दुनिया बस ये उट्ठे कह
जय जय जय भारत की जय
आओ लिखें इक नया समय
जय जय जय भारत की जय

जय हिंद...

#अरमान

कोई तुम्हें ढूंढने आएगा

रात की काली धरती पर
जब चांद घूमने आएगा
तुम छत पर दौड़ी आ जाना
कोई तुम्हें ढूंढने आएगा

मेरे कानों तक पहुंचे जो
वो पायल तुम खनका देना
ज़ोर-ज़ोर से बातें कर
अपना अहसास दिला देना
एक हंसी सुनने भर से
दिल को सुकून आ जाएगा
तुम छत पर दौड़ी आ जाना
कोई तुम्हें ढूंढने आएगा

जब छत पर तेरी परछाई
मेरी नज़रों से टकराएगी
मत पूछ मेरे दिलदार सनम
क्या हालत फिर हो जाएगी
मैं तुमसे मन की बात कहूं
और वक़्त वहीं थम जाएगा
तुम छत पर दौड़ी आ जाना
कोई तुम्हें ढूंढने आएगा
#अरमान

आसमानी रहमत से तू कम नहीं

देखकर तुमको लगता है ऐसे
इस दुनिया में शायद हम नहीं
कैसे करें अदा शुक्र ख़ुदा का
आसमानी रहमत से तू कम नहीं

करें किस कदर हिफ़ाज़त ईमान की
यहां आफ़त पड़ी दिल ओ जान की
मुकाबिल हो तेरे किसी में वो दम नहीं
आसमानी रहमत से तू कम नहीं

ज़मीं वालों पर कुछ तो रहम फ़रमाइये
होश में रहने दे नज़र से न पिलाइये
जी लेने दे अब और कोई जनम नहीं
आसमानी रहमत से तू कम नहीं...
#अरमान

अब याद बनके साथ रहेगा तू उम्र भर

छोड़ तो आए हैं तेरी मोहब्बत का दर
तुझसा कहां से लाएंगे बस यही एक डर
जो कुछ बचा है वो भी ले जाएगा ये वक़्त
अब याद बनके साथ रहेगा तू उम्र भर

बेबसी की दीवार में कैद किए अरमान
बेरंग सा हुआ दुखे दिल का ये जहान
कैसी तेरी गली कैसा तेरा शहर 
अब याद बनके साथ रहेगा तू उम्र भर

कर सको तो तुम भी एक काम करना
बाकी मोहब्बत का ख़त्म अंजाम करना
मिलो कहीं तो गुज़र जाना बचाके नज़र 
अब याद बनके साथ रहेगा तू उम्र भर
#अरमान