कवि नीरज को मेरी तरफ़ से श्रद्धांजलि...
न खिलेंगे अब गुल कहीं
न घुलेगा शोख़ियों में फूलों का शबाब
न गुज़रेंगे अब कारवां कहीं
न लिखेगा दिल की कलम से पाती जनाब
ऐ भाई ज़रा देख कर चलना
पैसे की पहचान यहां
काल का पहिया घूमेगा
कहेगा जोकर सारा जहां
जो जला गए दिए तुम धरा पर
उनकी रौशनी कौन फैलाएगा
मज़हबों में बन रहे शैतानों को
इंसान अब कौन बनाएगा
हर दिल में मोहब्बत के रंग भर गया
सफ़र में न होके वो सफ़र पर गया
बस यही अपराध वो हर बार कर गया
आदमी था आदमी से प्यार कर गया...
#अरमान #गोपालदासनीरज #GopaldasNeeraj
न खिलेंगे अब गुल कहीं
न घुलेगा शोख़ियों में फूलों का शबाब
न गुज़रेंगे अब कारवां कहीं
न लिखेगा दिल की कलम से पाती जनाब
ऐ भाई ज़रा देख कर चलना
पैसे की पहचान यहां
काल का पहिया घूमेगा
कहेगा जोकर सारा जहां
जो जला गए दिए तुम धरा पर
उनकी रौशनी कौन फैलाएगा
मज़हबों में बन रहे शैतानों को
इंसान अब कौन बनाएगा
हर दिल में मोहब्बत के रंग भर गया
सफ़र में न होके वो सफ़र पर गया
बस यही अपराध वो हर बार कर गया
आदमी था आदमी से प्यार कर गया...
#अरमान #गोपालदासनीरज #GopaldasNeeraj
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