तन्हा-तन्हा सा हर लम्हा
बेकरार रहता है
इन आंखों को तेरा इंतज़ार रहता है
संवारता हूं हर इक चीज़ को
कुछ इस तरह
जैसे तू आज भी आसपास रहता है
दूर होकर भी हर पल में तू है शामिल
तेरे तसव्वुर से मेरी जिंदगी है कामिल
हवा का झोखा तेरी खुशबू लेकर गुज़रता है
इन आंखों को तेरा इंतज़ार रहता है
कुछ बातें हैं सुननी, कुछ बातें हैं सुनानी
जो छोड़कर गए वो बातें हुईं पुरानी
सुना है तू अब नए अफ़साने कहता है
इन आंखों को तेरा इंतज़ार रहता है
हो सके तो मेरी इक बात मानो
ग़में जुदाई का दर्द तुम भी जानो
तेरी आमद का ‘अरमान’ दिल में रहता है
इन आंखों को तेरा इंतज़ार रहता है
बेकरार रहता है
इन आंखों को तेरा इंतज़ार रहता है
संवारता हूं हर इक चीज़ को
कुछ इस तरह
जैसे तू आज भी आसपास रहता है
दूर होकर भी हर पल में तू है शामिल
तेरे तसव्वुर से मेरी जिंदगी है कामिल
हवा का झोखा तेरी खुशबू लेकर गुज़रता है
इन आंखों को तेरा इंतज़ार रहता है
कुछ बातें हैं सुननी, कुछ बातें हैं सुनानी
जो छोड़कर गए वो बातें हुईं पुरानी
सुना है तू अब नए अफ़साने कहता है
इन आंखों को तेरा इंतज़ार रहता है
हो सके तो मेरी इक बात मानो
ग़में जुदाई का दर्द तुम भी जानो
तेरी आमद का ‘अरमान’ दिल में रहता है
इन आंखों को तेरा इंतज़ार रहता है
lillaha!!!!!
ReplyDelete;)
Deleteबढ़िया !
ReplyDeletethanku joshi ji..
Deleteबहुत खूब ... दिल की दास्ताँ ...
ReplyDeleteshukriya digambar ji...
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