अब और क्या इन दुआओं में चाहता हूं
तेरी जिंदगी को खूबसूरत बनाना चाहता हूं
इतनी तासीर इन हाथों में देदे ऐ मेरे खुदा
तोड़कर कदमों में सितारे बिछाना चाहता हूं
रौशन रखना चाहता हूं उम्मीदों का चराग
गम चुराना चाहता हूं
उन आंखों के आंसू
इन आंखों से गिराना चाहता हूं
हर मुसीबत मिटाना चाहता हूं
खुशियां दिखाना चाहता हूं
जो बहार लेकर आए
वो वादा निभाना चाहता हूं
हर कदम साथ निभाना चाहता हूं
रुठे तो मनाना चाहता हूं
तेरा हमसफर बनकर अरमान
जिंदगी बिताना चाहता हूं
इतनी तासीर इन हाथों में देदे ऐ मेरे खुदा
ReplyDeleteतोड़कर कदमों में सितारे बिछाना चाहता हूं
बेहतरीन
thanku anusha..
Deleteआपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएँ !
ReplyDeleteकल 06 /मार्च/2015 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद !
thanks yash ji..
Deletenice......very nice.
ReplyDeleteshukriya rishabh ji..
Deleteइतनी तासीर इन हाथों में देदे ऐ मेरे खुदा
ReplyDeleteतोड़कर कदमों में सितारे बिछाना चाहता हूं
अद्भुत अहसास...सुन्दर प्रस्तुति बहुत ही अच्छा लिखा आपने .बहुत ही सुन्दर रचना.बहुत बधाई आपको .
shukriya saxena ji..
Deleteशानदार अहसासों से सजी हुई रचना।
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