आओ ज़रा मिलकर ख़ुशियां ढूंढते हैं
गर न मिले तो बिल्कुल मत घबराना
एक-दूसरे को ही अपनी ख़ुशी बनाना
तुम इधर देखो, मैं उधर देखता हूं
यहीं कहीं आसपास होंगीं
बस नज़र ही तो नहीं आतीं
बिखरी-बिखरी सी मिलती हैं ये
एकमुश्त कभी नहीं दिखतीं
कितनी भी मिलें उठा लेना
दोनों की मिलाकर बड़ी कर लेंगे
ज़रा एहतिहात से थामना
हाथ से फिसलते देर नहीं लगती
जितनी जल्दी हो सके
मल लेना तन-बदन में
वक़्त के साथ इनका बड़ा याराना है
वक़्त आएगा और इन्हें ले जाएगागर न मिले तो बिल्कुल मत घबराना
एक-दूसरे को ही अपनी ख़ुशी बनाना
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