कभी खुशी कभी गम सहते है
तेरे नैना बहुत कुछ कहते हैं
मेरी पलकों में अपने आंसू रख दे
खिलते चेहरे गुमसुम नहीं रहते हैं
उड़ते वक्त को कैद कर ले
ख्वाबों को अपने आगोश में भर ले
ये वो पल हैं जो मुख्तसर होते हैं
तेरे नैना बहुत कुछ कहते हैं
मुझे अपनी जिंदगी का सहारा कर ले
मेरे हिस्से की हंसी अपने नाम कर ले
मेरी आंख से अश्क कम बहते हैं
तेरे नैना बहुत कुछ कहते हैं
मौला मेरे एक फरमान सुना दे
उन्हें मेरे दिल में कुछ इस तरह बसा दे
‘अरमान’ किस कदर मुंतजिर रहते हैं
तेरे नैना बहुत कुछ कहते हैं...
तेरे नैना बहुत कुछ कहते हैं
मेरी पलकों में अपने आंसू रख दे
खिलते चेहरे गुमसुम नहीं रहते हैं
उड़ते वक्त को कैद कर ले
ख्वाबों को अपने आगोश में भर ले
ये वो पल हैं जो मुख्तसर होते हैं
तेरे नैना बहुत कुछ कहते हैं
मुझे अपनी जिंदगी का सहारा कर ले
मेरे हिस्से की हंसी अपने नाम कर ले
मेरी आंख से अश्क कम बहते हैं
तेरे नैना बहुत कुछ कहते हैं
मौला मेरे एक फरमान सुना दे
उन्हें मेरे दिल में कुछ इस तरह बसा दे
‘अरमान’ किस कदर मुंतजिर रहते हैं
तेरे नैना बहुत कुछ कहते हैं...
लाजवाब रचना।।।
ReplyDeleteसादर आभार अनुषा,,,
Deleteबहुत खूब !!
ReplyDeleteधन्यवाद सक्सेना जी,,,
Deleteवाह। बेहतरीन नज़्म आसिफ जी
ReplyDeleteसादर आभार स्मिता,,,
Deleteनाज़ुक एहसासों को पिरोती खूबसूरत प्रस्तुति !
ReplyDeleteसाधना जी सादर धन्यवाद,,
ReplyDeleteबहुत खूब !
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग को भी समर्थन करे !
सावन का आगमन !
: महादेव का कोप है या कुछ और ....?
सादर आभार प्रसाद जी,,,
Deleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...
ReplyDeletethank you pratibha ji...
Deleteमेरी आंख से अश्क कम बहते हैं
ReplyDeleteतेरे नैना बहुत कुछ कहते हैं
खूबसूरत अशआर ,
shukriya dr. saheb...
Deleteमेरी आंख से अश्क कम बहते हैं
ReplyDeleteतेरे नैना बहुत कुछ कहते हैं
खूबसूरत