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Saturday, 6 October 2018

मेरे मौला मेरे पास आ जा सुन ले मेरी भी कभी कभी

मेरे मौला मेरे पास आ जा 
सुन ले मेरी भी कभी कभी
थाम ले हाथ ज़रा मेरा
छूट गया हूं तन्हा कहीं
चला था साथ किसी के
वो बीच राह कहीं खो गया
दूर-दूर तलक ख़ामोशी 
रस्ता सूना सा हो गया
न कोई आहट न कोई आवाज़
हवाओं ने बदल रखा है मिजाज़
किधर जाऊं रूठीं राह सभी
मेरे मौला मेरे पास आ जा 
सुन ले मेरी भी कभी कभी
सोचा न था साथ ऐसे छूटेगा
लुटेरा वक्त मेरा सबकुछ लूटेगा
करूंगा इंतज़ार मैं ताउम्र वहीं
भले मर जाऊं पर थकूंगा नहीं
मेरे मौला मेरे पास आ जा 
सुन ले मेरी भी कभी कभी







Wednesday, 22 August 2018

मुझे पाने का सलीक़ा ना तुझमें था

मुझे पाने का सलीक़ा ना तुझमें था
तू ढूँढ रहा था मुझे और मैं तुझमें था...
#अरमान

ख़ामोश रहे लब झुकते गए नैन

ख़ामोश रहे लब
झुकते गए नैन
बढ़ती गई धड़कन
लुटता गया चैन

महकते रहे फूल
सुलगती रही रात
उड़ता रहा वक़्त
निकलती गई बात

घबराया सा इश्क़
जाती रही जान
रौशन रही शमां
बुझते रहे ‘अरमान’
#अरमान

मैं ढूंढता हूं जब ख़ुद को

मैं ढूंढता हूं जब ख़ुद को
तेरे करीब पाता हूं
बड़ा संभालकर रखता हूं
न जाने कब पहुंच जाता हूं...

तेरा ख़्याल भी कुछ कम नहीं
पल-पल में चला आता है
मासूम सी मोहब्बत को
सोये से जगाता है
न पूछ कैसे ख़ुद को छिपाता हूं
बड़ा संभालकर रखता हूं
न जाने कब पहुंच जाता हूं...

तेरा इश्क़ भी किसी से कम नहीं
बड़ी मोहब्बत से खींचता है
दिल की बंजर ज़मीन को
तमन्नाओं से सींचता है
न पूछ कैसे ख़ुद को बचाता हूं
बड़ा संभालकर रखता हूं
न जाने कब पहुंच जाता हूं...

#अरमान

कवि नीरज को मेरी तरफ़ से श्रद्धांजलि...

कवि नीरज को मेरी तरफ़ से श्रद्धांजलि...

न खिलेंगे अब गुल कहीं
न घुलेगा शोख़ियों में फूलों का शबाब
न गुज़रेंगे अब कारवां कहीं
न लिखेगा दिल की कलम से पाती जनाब

ऐ भाई ज़रा देख कर चलना
पैसे की पहचान यहां
काल का पहिया घूमेगा
कहेगा जोकर सारा जहां

जो जला गए दिए तुम धरा पर
उनकी रौशनी कौन फैलाएगा
मज़हबों में बन रहे शैतानों को
इंसान अब कौन बनाएगा

हर दिल में मोहब्बत के रंग भर गया
सफ़र में न होके वो सफ़र पर गया
बस यही अपराध वो हर बार कर गया
आदमी था आदमी से प्यार कर गया...
#अरमान #गोपालदासनीरज #GopaldasNeeraj

रात होते ही इंतज़ार होने लगता...

रात होते ही
इंतज़ार होने लगता...
नींद का नहीं...
फुटपाथों के ख़ाली
और दुकानों के बंद होने का
बाज़ार के हटने
और लोगों के छटने का...
घंटो ताकती रहतीं
आधी सोई आंखें
टूटता जिस्म
उम्मीद की उंगली पकड़कर
बैठ जाता है वहीं
और पता नहीं कब
नींद आ जाती है
उम्मीद की उंगली छुड़ाकर
दबे पांव ले जाती है...
#फुटपाथ_की_रात #अरमान
#A_Night_on_Footpath

जय जय जय भारत की जय

नभ, जल थल सब करे फ़तह
जय जय जय भारत की जय
दुश्मन को हो दिन रात ये भय
जय जय जय भारत की जय

न कोई तू हो न कोई मैं
जय जय जय भारत की जय
मिलकर हर इक ग़म को सह
जय जय जय भारत की जय

मंदिर-मस्जिद  न तू कह
जय जय जय भारत की जय
मिट जाए हर दिल से भय
जय जय जय भारत की जय

दुनिया बस ये उट्ठे कह
जय जय जय भारत की जय
आओ लिखें इक नया समय
जय जय जय भारत की जय

जय हिंद...

#अरमान