आओ लिखते हैं एक नई कहानी...
आओ लिखते हैं एक नई कहानी,
यादों के संदूक में भर दें पल पल की परेशानी।
उम्मीद खड़ी है बाहें खोले,
निराशा की आग में डाल दें चुल्लू भर पानी।
फिर देखते हैं कैसे करती है सफलता आने से आनाकानी,
मुसीबतों के पहाड़ पर हौसला ही साथी होता है।
अक्सर हिदायत देती रहती है किस्सों में नानी,
किस्मत को कोस मत क्योंकि ये किसी ने ना जानी।
हाथों की लकीरों का ऐतबार न कर,
हाथों से ही तो अपनी किस्मत है बनानी।
अगर देखने का नजरिया बदल लें,
तो नहीं होगा इस जमाने मे तुझसा कोई सानी।
हर गुनाह को करने से पहले याद रख,
हम सब को ले जाने के लिए मौत है एक दिन आनी।
- अरमान आसिफ इकबाल
No comments:
Post a Comment