चंद घंटों पहले माहौल में श्रद्धा का उद्घोष था
हुक्मरानों की कमी से अब कोई हलाक तो कोई बेहोश था
नन्हा बच्चा अपनी मृत मां को जगा रहा था
एक सभ्य पेशेवर तबका इससे अपनी रेटिंग बढ़ा रहा था
पुलिस हादसे की कड़ी से कड़ी खोज रही थी
बद्इंतजामी से मासूम जिंदगिंया दम तोड़ रही थीं
सुरक्षा के नाम पर हथियार डाल रहे थे
पीड़ितों को मुआवजा देकर बात टाल रहे थे
हम तो मुफलिसी में भी कुंभ नहाकर दुनिया छोड़ जाएंगे
अपने पाप धोने को हुक्मरान कब गंगा में डुबकी लगाएंगे।।।
- अरमान आसिफ इकबाल
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ReplyDeleteबहुत खूब
ReplyDeleteबहुत ही उम्दा
ReplyDeleteसादर
आपका तहे दिल से शुक्रिया...
Deleteआप सभी लोगो का तहे दिल से शुक्रिया...
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