जो बीत गए पल वो कल कहां से लाऊं
जिस बात में थे शामिल वो बात कहां से लाऊं
जिस खुशी में थे शामिल, वो हंसी कहां से लाऊं
जिस गम में थे शामिल, वो आंसू कहां से लाऊ
जो बीत गए पल वो कल कहां से लाऊं
जिस वफा में थे शामिल वो प्यार कहां से लाऊं
जिस खता में थे शामिल वो दर्द कहां से लाऊं
जो बीत गए पल वो कल कहां से लाऊं
जिस करार में थे शामिल वो इंतजार कहां से लाऊं
जिस खुमार में थे शामिल वो दीदार कहां से लाऊं
जो बीत गए पल वो कल कहां से लाऊं
Behad khubsurat....umdaa...
ReplyDeletedhanyawad pari ji...
Deletesaadar abhaar anusha...
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