तेरा चेहरा है या कोई शिफ़ा
देखते ही रंगत बदल जाती है
तेरा चेहरा है या कोई मर्ज़ की शिफ़ा
देखते ही मिज़ाज की रंगत बदल जाती है
झील सी आंखे हैं या कोई समंदर
डूबने को तबियत मचल जाती है
सुकुन मिलता है तुझे देखकर कुछ ऐसे
जैसे तपते रेत पे सर्द हवा चल जाती है
न कोई चर्चा तेरा न कोई ज़िक्र तेरा
न जाने क्यों तेरी फिर बात निकल आती है
सोचता हूं छुपा लूं इस ज़माने से तुझे
ये दुनिया है, बात-बात पे बदल जाती है
भले मिले न मिले एक पल का साथ तेरा
इन ख़्यालों से सुबह-शाम ढल जाती है
ज़मीं पे रहता है एक चांद और भी
अक्सर सितारों में भी बात चल जाती है
किसी हूर के नूर की क्या बात करें
तेरी आब देखके शमा भी जल जाती है
अरमान है बरकार रहे तेरे चेहरे की रौनक
हर दुआ, इसी दुआ में बदल जाती है...
देखते ही रंगत बदल जाती है
तेरा चेहरा है या कोई मर्ज़ की शिफ़ा
देखते ही मिज़ाज की रंगत बदल जाती है
झील सी आंखे हैं या कोई समंदर
डूबने को तबियत मचल जाती है
सुकुन मिलता है तुझे देखकर कुछ ऐसे
जैसे तपते रेत पे सर्द हवा चल जाती है
न कोई चर्चा तेरा न कोई ज़िक्र तेरा
न जाने क्यों तेरी फिर बात निकल आती है
सोचता हूं छुपा लूं इस ज़माने से तुझे
ये दुनिया है, बात-बात पे बदल जाती है
भले मिले न मिले एक पल का साथ तेरा
इन ख़्यालों से सुबह-शाम ढल जाती है
ज़मीं पे रहता है एक चांद और भी
अक्सर सितारों में भी बात चल जाती है
किसी हूर के नूर की क्या बात करें
तेरी आब देखके शमा भी जल जाती है
अरमान है बरकार रहे तेरे चेहरे की रौनक
हर दुआ, इसी दुआ में बदल जाती है...
सक्त हिदायत दी है मैंने तुम्हरे ख्वाबों को ना आने की.....लेकिन तुम्हे जब भी सोचते है....हर हिदायत बदल जाती है......hahaha first try
ReplyDeleteआपका आभार अंतिमा...
Delete