बड़ी-बड़ी अंखियों में
रात का काजल लगा दूं
खिले-खिले चेहरे पे
दिन का सूरज जगा दूं
गोरी-गोरी बाहों में
चांद का कंगन पवा दूं
काली-काली ज़ुल्फ़ों को
सुरमई घटा से सजा दूं
झुकी-झुकी नज़रों को
शर्म ओ हया से उठा दूं
हौले-हौले आंचल को
शोख़ हवा से उड़ा दूं
धीरे-धीरे चुपके से
राज़ की बात बता दूं
खोए-खोए इस दिल के
'अरमान' आज जता दूं...
#अरमान
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