इंसानियत का हो गया क़त्ल
कोई समझ न पाया
हर दफ़ा की तरह इल्ज़ाम
हिंदू-मुसलमां पर आया
तमाशा और चलेगा
अपनी जगह पर बैठो 'अरमान'
अभी तो सय्याद ने अपना
महज़ है जाल बिछाया...
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*सय्याद-आखेटक, बहेलिया
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