रिश्ते बनते हैं धीरे-धीरे
नाते बिगड़ते हैं धीरे-धीरे
रस्ते बदलते हैं धीरे-धीरे
लोग बिछड़ते हैं धीरे-धीरे
बात उड़ती है धीरे-धीरे
लोग सुनते हैं धीरे-धीरे
हवा चलती है धीरे-धीरे
पत्ते गिरते हैं धीरे-धीरे
रात जलती है धीरे-धीरे
शमा पिघलती है धीरे-धीरे
ख़्वाब आते हैं धीरे-धीरे
टूट जाते हैं धीरे-धीरे
'अरमान' जगते हैं धीरे-धीरे
ज़िंदगी बुनते हैं धीरे-धीरे
वक़्त गुज़रता है धीरे-धीरे
आदमी मरता है धीरे-धीरे...
#अरमान
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